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Grah ki Kudrashti

ग्रहों की कुदृष्टि से निजात पाने के लिए कराए ग्रहों की जाप।

स्थान : उज्जैन, वाराणसी और सागर

By : Vedic Temple Puja

दक्षिणा शुल्क : ₹ 4,500

Vedic Temple Puja की तरफ से हम नवग्रहों की जप की आयोजन हमारे पंडितों के द्वारा अलग अलग धर्मस्थली मे आयोजन करते है|

हम ग्रहो जप एक सूची नीचे प्रस्तुत कर रहे है:

ग्रहसंख्यादक्षिणा
सूर्य7000+ दशांश2500.00
चंद्र11,000+ दशांश2700.00
मंगल10,000+ दशांश2700.00
बुध9,000+ दशांश2500.00
गुरु19,000+ दशांश4000.00
शुक्र16,000+ दशांश4000.00
शनि23,000+ दशांश4500.00
राहु18,000+ दशांश4000.00
केतु17,000+ दशांश4000.00
पंडित जी के द्वारा जप शुरू होने से पहले आप की संकल्प लिया जायेगा | और लाइव वीडियो में आप जप करते हुए पंडितो को देख सकते है|

जप के स्थान:

  • उज्जैन
  • वाराणसी
  • शनि शिंगणापुर
  • सागर

ग्रहों की कुदृष्टि से निजात पाने के लिए कराए ग्रहों की जाप।

नवग्रह मंत्र, ग्रहों की शांति एवं ग्रह दोषों को मिटाने का सबसे कारगर उपाय है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) का वर्णन है। इनमें राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है।

इन ग्रहों की अपनी भिन्न-भिन्न प्रकृति है | और अपनी इसी प्रकृति के कारण ग्रह मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं। अगर किसी की कुंडली में ग्रह दोष बनता है तो वह व्यक्ति उस ग्रह दोष से बचने के लिए संबंधित ग्रह का वैदिक, तांत्रिक या फिर बीज मंत्र का जाप विधि अनुसार कर सकता है।

फिर जप का दशांश का हवन भी किया जाता है | इसके अलावा ग्रहों को बली बनाने और उनके शुभ फल पाने के लिए भी नवग्रह मंत्र का जाप करना कारगर माना गया है। हिन्दू ज्योतिष में नवग्रह मंत्र के तीन प्रकार बताए गए हैं |

जो वैदिक, तांत्रिक और बीज मंत्र हैं। वेद में ग्रहों से संबंधित जिन मंत्रों का वर्णन है उन्हें वैदिक मंत्र कहा जाता है। वहीं तंत्र विद्या में उपयोग होने वाले मंत्र तांत्रिक मंत्र कहा जाता है। जबकि बीज मंत्र को मंत्रों का प्राण कहते हैं।

वास्तु शास्त्र

Disclamation : Vedic Temple Puja ना किसी मंदिर या ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है| ना किसी प्रसाद वितरण और निर्माता से जुड़ा हुआ है | हम सिर्फ स्थानीय मंदिर के पुजारियों के द्वारा आपको पूजा की सेवा उपलब्ध कराते है|