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Durga Saptashi Paath

भक्ति,शक्ति तथा सौभाग्य प्राप्ति के लिए माँ विंध्यवासिनी, विंध्याचल में कराये दुर्गा सप्तशती पाठ

स्थान : ज्वाला जी और विंध्याचल

By : Vedic Temple Puja

दक्षिणा शुल्क : ₹ 7,500

दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं हवन के लाभ:

  • मानसिक विकारो से आ रही अड़चनों को दूर करना |
  • मुक़दमे और झगडे में विजय पाने के लिए |
  • बिना कारण शत्रु से बनने वाले नुकसान से बचने के लिए |
  • भक्ति शक्ति तथा दर्शन के लिए जो साधना को चेतना देना चाहते है ये पाठ पढ़ लेना है|
  • डर शक बाधा हटाने के लिए राहु का अधिक ख़राब होना ,केतु का पीड़ित होना |
  • किसी कारण व्यस्त बिछड़ो को मिलाने के लिए |
  • गुमसुदा की तलाश के लिए , हर प्रकार की कामना एवं पुत्र जन्म के लिए |
  • साधना के बाद पूर्ण भक्ति के लिए |
  • पूजा के दिन संकल्प के लिए फ़ोन किया जायेगा पंडित जी के द्वारा बाद में प्रसाद भी भिजवाया जायेगा |

प्रसाद

  • माता की कुमकुम
  • मन्त्रित धागाा
  • सूखा भोग
  • दुर्गायन्त्र

आवश्यक सुचना

हमारे दूसरे शक्ति पीठ जैसे ज्वालादेवी, हिमाचल में भी ये पूजा करवाई जाती है |

दुर्गा सप्तशती पाठ

देवीमाहात्म्यम् (अर्थ: देवी का महात्म्य) हिन्दुओं का एक धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें देवी दुर्गा की महिषासुर नामक राक्षस के ऊपर विजय का वर्णन है। यह मार्कण्डेय पुराण का अंश है। इसमें ७०० श्लोक होने के कारण इसे “दुर्गा सप्तशती” भी कहते हैं। इसमें सृष्टि की प्रतीकात्मक व्याख्या की गई है। जगत की संपूर्ण शक्तियों के दो रूप माने गये है – संचित और क्रियात्मक।

नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ किया जाता है। इस रचना का विशेष संदेश है कि विकास-विरोधी दुष्ट अतिवादी शक्तियों को सारे सभ्य लोगों की सम्मिलित शक्ति “सर्वदेवशरीजम” ही परास्त कर सकती है, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। इस प्रकार आर्यशक्ति अजेय है। इसमे गमन (इसका भेदन) दुष्कर है। इसलिए यह “दुर्गा” है।

यह अतिवादियों के ऊपर संतुलन-शक्ति सभ्यता के विकास की सही पहचान है। दुर्गा सप्तशती के अलग-अलग अध्यायों का अपना-अपना महत्व है जिनका यदि भक्तिभाव से पाठ किया जाए तो फल बड़ी जल्दी मिलता है, लेकिन लालच से किया पाठ फल नहीं देता।

यदि किसी भी जातक को राहू, शनि, मंगल से बुरे फल मिल रहे हों तो ये अध्याय पूरी क्षमता रखते हैं उनके बुरे दोषों को दूर करने में। हर अध्याय का अपना एक महत्व है-

Vedic Temple Puja तरफ से प्रत्येक दुर्गा अष्ट्मी को एवं सप्ताह में शुक्रवार के दिन भारत के कुछ शक्ति पीठोमें दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं हवन किया जाता है |

वास्तु शास्त्र

Disclamation : Vedic Temple Puja ना किसी मंदिर या ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है| ना किसी प्रसाद वितरण और निर्माता से जुड़ा हुआ है | हम सिर्फ स्थानीय मंदिर के पुजारियों के द्वारा आपको पूजा की सेवा उपलब्ध कराते है|