
ज्योतिष विद्या और विज्ञान
ज्योतिष पूर्ण विज्ञान है क्योंकि हमारे सनातन संस्कृति का आधार वेद है, जो पूर्ण विज्ञान है और ज्योतिष वेदों का छठा अंग माना जाता है। ज्योतिष विद्या लोगों को अंधविश्वास की ओर नहीं बल्कि लोगों
ज्योतिष पूर्ण विज्ञान है क्योंकि हमारे सनातन संस्कृति का आधार वेद है, जो पूर्ण विज्ञान है और ज्योतिष वेदों का छठा अंग माना जाता है। ज्योतिष विद्या लोगों को अंधविश्वास की ओर नहीं बल्कि लोगों
उपयोगी मंत्र बदल देंगे आपकी जिंदगी। इन्हें जरूर आजमाएं। तरीके से इन मंत्रों से ही दिन की शुरुआत करनी चाहिए। हम मंत्रों से प्रकृति की शक्तियों को नमन करते हैं। उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते
गुरु ग्रह (बृहस्पति) सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और यह जातकों के जीवन में गहरा और लंबा प्रभाव डलरा है। अंतरिक्ष से देखने पर यह सुनहरे रंग का चमकदार ग्रह प्रतीत होता है। इसका
होली की पूजा मुखयतः भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) को ध्यान में रखकर की जाती है। घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान
बहुत बार आप लोगों ने देखा होगा, सुना होगा कि ज्योतिषी के पास जब किसी विषय के संबंध में सलाह लेने के gv लिए जाते है तो वो आपको कहता है, बताता है कि आपकी
सूर्य के अशुभ होने के पूर्व संकेत सूर्य अशुभ फल देने वाला हो, तो घर में रोशनी देने वाली वस्तुएँ नष्ट होंगी या प्रकाश का स्रोत बंद होगा । जैसे – जलते हुए बल्ब का
नवरात्रि’ का अर्थ है ‘नौ रातें’ – ‘नव’ का अर्थ है ‘नौ’ और ‘रात्रि’ का अर्थ है ‘रात’। देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित नौ दिवसीय त्योहार मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर
नवग्रह मंत्र, ग्रहों की शांति एवं ग्रह दोषों को मिटाने का सबसे कारगर उपाय है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) का वर्णन है। इनमें
कुछ लोगों को समय-समय पर चिकित्सा प्रणाली की शुरुआत के साथ सुधार हुआ है, जीवन शैली में बदलाव आया है, जीवन शैली में बदलाव भी अधिक से अधिक जटिल बीमारियों में लाया गया है। इन
वाल्मीकि रामायण के अनुसार “आदित्य हृदय स्तोत्र” अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान् श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति हेतु दिया गया था. आदित्य हृदय स्तोत्र का नित्य पाठ जीवन के अनेक कष्टों का